रिश्ते की सीमा

कुछ बातें, कहकर, नही, कहीं जातीं,
कुछ बातें सुनकर, नही, समझी जातीं,

कहने और सुनने के,
समझने के, अंतर को,
अपनी बुद्धि से कम करना होगा,

बिन कही बातों को,
बिन सुनकर,
समझना होगा,

कुछ रेखाएँ, सीमाओं की,
बिन खीचें,
माननी होंगी,

मर्यादायों के बंधन को,
बिन बाँधे, 
बाँधना होगा,

हर रिश्ते की हद को,
बिना कहे,
हद मे रहना होगा

हर रिश्ते को उसका,
सही नाम,
मान देना होगा…

जो कह कर ना हो सके,
उसे समझकर,
करना होगा,

हर रिश्ते की सीमा मे,
हम सबको रहना होगा….