हर शब्द कहने के पहले , बहुत बार सोचा…
हर कदम उठाने के पहले , बहुत बार रोका…
हर धड़कन सुनाने के पहले , बहुत बार सोचा…
हर सपना सजाने के पहले , बहुत बार तोड़ा…
हर रंग भरने के पहले , बहुत बार बेरंग किया…
हर सांस लेने के पहले , बहुत बार दम को रोका…
हर पल जीने के लिए , बहुत पल को खोया…
हर हँसी दिखानेके पहले , बहुत बार रोया…
हर मदहोशी दिखाने के पहले , बहुत बार होश खोया…
हर चैन पाने के पहले , बहुत बार बैचेनी को पाया…
हर अरमान जगाने के पहले , बहुत बार अरमान छोड़े…
हर तरफ तुमको पाने के पहले , बहुत बार खुद को खोया…
हर शब्द कहने के पहले , बहुत बार सोचा…
हर कदम उठाने के पहले , बहुत बार रोका…